करवा चौथ 2025: शुभ तिथि, पूजा मुहूर्त, पूजा विधि,चंद्र दर्शन का समय और व्रत का नियम
- Astro Nakshatra27
- 3 days ago
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Karwa Chauth 2025: इस बार करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा. हर वर्ष इस पर्व को कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन विवाहित महिलाएं सुहाग की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं और करवा माता से अपने पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं. पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस व्रत के बारे में श्रीकृष्ण ने द्रौपदी को बताया था और शिव जी ने माता पार्वती को इस व्रत के बारे में बताया था.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, करवा चौथ का व्रत अखंड सौभाग्य के लिए रखा जाता है. माना जाता है कि इस व्रत को विधिपूर्वक रखने से पति की आयु लंबी होती है. इस व्रत को निर्जला रखा जाता है. तो चलिए जानते हैं कि करवा चौथ का पूजन का क्या मुहूर्त रहेगा और इस दिन सुहागिन महिलाओं को किन गलतियों से सावधान रहना होगा.

करवा चौथ 2025 तिथि (Karwa Chauth 2025 Tithi)
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 9 अक्टूबर की रात 10 बजकर 54 मिनट पर होगी और तिथि का समापन 10 अक्टूबर की शाम 7 बजकर 38 मिनट पर होगा. उदयातिथि के मुताबिक, इस साल 10 अक्टूबर, शुक्रवार को ही करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा.

करवा चौथ 2025 पूजा शुभ मुहूर्त (Karwa Chauth 2025 Puja Muhurat)
10 अक्तूबर को करवा चौथ पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 57 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगा। इस तरह से पूजा के लिए कुल अवधि 01 घंटा 14 मिनट तक रहेगी।

करवा चौथ की पूजन विधि (Karwa Chauth 2025 Pujan Vidhi)
सबसे पहले सुबह सूर्योदय से पहले सरगी खाने की परंपरा होती है, जो सास अपनी बहू को देती हैं. दिनभर व्रत रखने के बाद शाम को करवा चौथ की पूजा की जाती है. इसके लिए एक थाली सजाई जाती है जिसमें करवा (मिट्टी का घड़ा), दीपक, चावल, मिठाई, पानी और रोली रखी जाती है. महिलाएं सोलह श्रृंगार करके एक साथ बैठकर कथा सुनती हैं.
कथा सुनने के बाद महिलाएं करवा और मिट्टी के दीये से पूजा करती हैं. करवा को पानी, मिठाई और दक्षिणा चढ़ाई जाती है. उसके बाद चांद निकलने का इंतजार किया जाता है. चांद को छलनी से देखकर अर्घ्य दिया जाता है और फिर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोला जाता है

करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय ( Karwa Chauth 2025 Moonrise Timing)
10 अक्तूबर 2025 को देशभर में करवा चौथ का व्रत मनाया जाएगा। वैदिक पंचांग के अनुसार, 10 अक्तूबर की रात को चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 13 मिनट पर होगा। चंद्रोदय का यह समय देश की राजधानी दिल्ली को मानक मानकर है। लेकिन अलग-अलग शहरों में चांद के निकलने के समय में कुछ बदलाव हो सकता है।

🌕 Karwa Chauth 2025: प्रमुख शहरों में चंद्रोदय का समय
शहर | करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय (2025) |
दिल्ली (Delhi) | रात 08:13 |
नोएडा (Noida) | रात 08:13 |
मुंबई (Mumbai) | रात 08:55 |
कोलकाता (Kolkata) | रात 07:41 |
चंडीगढ़ (Chandigarh) | रात 08:08 |
पंजाब (Punjab) | रात 08:10 |
जम्मू (Jammu) | रात 08:11 |
लुधियाना (Ludhiana) | रात 08:11 |
देहरादून (Dehradun) | रात 08:04 |
शिमला (Shimla) | रात 08:06 |
पटना (Patna) | रात 07:48 |
लखनऊ (Lucknow) | रात 08:02 |
कानपुर (Kanpur) | रात 08:06 |
प्रयागराज (Prayagraj) | रात 08:02 |
इंदौर (Indore) | रात 08:33 |
भोपाल (Bhopal) | रात 08:26 |
अहमदाबाद (Ahmedabad) | रात 08:47 |
चेन्नई (Chennai) | रात 08:37 |
बेंगलुरु (Bengaluru) | रात 08:48 |
जयपुर (Jaipur) | रात 08:22 |
रायपुर (Raipur) | रात 07:43 |

करवा चौथ के दिन ये गलतियां बिल्कुल ना करें गलतियां :
1. अन्न ग्रहण न करें
करवा चौथ के व्रत की शुरुआत सुबह की सरगी से होती है और इस व्रत का पारण सिर्फ चांद देखने के बाद ही किया जाता है. इस दौरान पानी की एक बूंद भी नहीं पी जाती है और अगर कोई महिला इस व्रत के दौरान गलती से पानी या भोजन खा लेती है, तो उसका व्रत टूट जाता है.
2. चंद्रोदय से पहले व्रत तोड़ना
करवा चौथ का व्रत चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पूरा माना जाता है. अगर किसी कारणवश आप चंद्रोदय से पहले व्रत तोड़ते हैं, तो आपको कोई लाभ नहीं मिलेगा.
3. इन कार्यों को करने से बचें
इस दिन सुई, कैंची या चाकू जैसी नुकीली या धारदार वस्तुओं का उपयोग न करें. माना जाता है कि ऐसा करने से व्रत का फल कम हो जाता है.
4. दिन में सोना
करवा चौथ के व्रत के दौरान दोपहर या दिन में सोने से बचना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार, दिन में इस दिन सोना वर्जित माना जाता है क्योंकि ऐसा करने से व्रत का फल नष्ट हो जाता है.
5. सुहाग की वस्तुओं का दान
करवा चौथ पर सुहागिन महिलाओं के लिए सुहाग की वस्तुओं का दान करना बहुत शुभ माना जाता है. लेकिन ध्यान रहे कि आप गलती से भी अपनी सुहाग की वस्तुओं का दान न करें. ऐसा करना भी अशुभ माना जाता है.
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