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शनि अमावस्या 2025 : तिथि, पूजा विधि और ज्योतिषीय महत्व

Updated: Aug 20

📅 तिथि: 23 अगस्त 2025, शनिवार


🕉️ दिन: भाद्रपद अमावस्या


🙏 विशेषता: शनि दोष निवारण, पितृ तर्पण, और दान-पुण्य का सर्वोत्तम समय



🪐 शनि अमावस्या का महत्व


अगस्त माह की शनि अमावस्या विशेष मानी जाती है क्योंकि इस दिन:

  • शनि दोष, साढ़ेसाती और ढैया के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

  • पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण व श्राद्ध करना फलदायी होता है।

  • शनि देव की पूजा से कार्यों में आ रही रुकावटें दूर होती हैं।


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🛕 शनि अमावस्या पूजा विधि


सुबह की पूजा


  1. सूर्योदय से पहले स्नान करें और स्वच्छ काले या नीले वस्त्र पहनें।

  2. पीपल वृक्ष को जल चढ़ाएँ और सरसों के तेल का दीपक जलाएँ।

  3. "ॐ शं शनैश्चराय नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें।


विशेष उपाय


  • काले तिल, उड़द दाल, लोहा और तेल का दान करें।

  • गरीबों को भोजन कराएँ या वस्त्र दान करें।

  • शनि मंदिर में तेल चढ़ाएँ।


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🌌 ज्योतिषीय महत्व


  • मेष, तुला और कुंभ राशि वालों के लिए यह दिन विशेष फलदायी है।

  • सिंह और मकर राशि के जातकों को शनि दोष से राहत मिल सकती है।

  • जिनकी कुंडली में शनि प्रतिकूल फल दे रहे हैं, उन्हें इस दिन दान और पूजा ज़रूर करनी चाहिए।


शनि अमावस्या पर करने योग्य दान

  • काले तिल

  • सरसों का तेल

  • लोहा

  • काला कपड़ा

  • चप्पल या जूते


शनि अमावस्या 2025 आत्मिक शांति, पितृ तर्पण और शनि कृपा प्राप्त करने का अत्यंत शुभ अवसर है। श्रद्धापूर्वक व्रत-पूजन और दान करने से जीवन की कठिनाइयाँ दूर होती हैं और सफलता का मार्ग प्रशस्त होता है।








 
 
 

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