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इस दिवाली धन प्राप्ति हेतु माता लक्ष्मी की पोटली कैसे बनायें ? #Dr. MUKESH # DIWALI 2021



शास्त्रों में लक्ष्मी को चपला कहा गया है अर्थात धन की देवी कहीं टिकती नहीं है। पौराणिक व तंत्र शास्त्रों में धन की देवी की स्थिर रखने के लिए अनेक यत्न, प्रयास व अनुष्ठान बताए गए हैं। परंतु यह अनुष्ठान व प्रयास अत्यंत कठिन व ख़र्चीले हैं जिसे आज के व्यस्त समय में आम व्यक्ति के लिए करना लगभग असंभव जैसा है परंतु पौराणिक व तंत्र शास्त्रों में धन की देवी को अपने घर व प्रतिष्ठान में स्थिर रखने के लिए कुछ सरल उपाय व सामाग्री भी बताई गई है।


इस पोस्ट के द्वारा आचार्य मुकेश आपको बताते हैं की कैसे इस दुर्लभ सामाग्री को हम किस्मत की पोटली बनाकर धन की देवी लक्ष्मी को अपने घर व प्रतिष्ठान में कैसे बांधकर स्थिर कर सकते हैं। इस किस्मत की पोटली को चमत्कारिक वस्तुओं को एक साथ सम्मिलित कर निर्मित किया जा सकता है जो देवी महालक्ष्मी को अत्यधिक प्रिय हैं। भारतीय धर्मग्रंथों में ऐसा उल्लिखित है कि यदि देवी महालक्ष्मी का पूजन इन सामग्रियों के साथ तथा इनका उपयोग कर शास्त्र-सम्मत विधि से किया जाय तो सभी अभीष्ट अभिलाषाएं पूर्ण होती हैं।


महालक्ष्मी की पोटली कैसे बनायें ?



इस पोटली को आपको दीपावली के दिन वृषभ लग्न के दौरान प्रदोष काल में ही बनाना है ! श्री गणेश और महालक्ष्मी के आह्वाहन के बाद षोड़ोपचार पूजन के बाद आपको एक लाल कपडे को लेना है अथवा कोई पोटली बाजार पहले से ही खरीद लें ! लक्ष्मी जी को विशेष प्रिय है रेशमी लाल वस्त्र जिसमें सारी सामाग्री बांधकर यह अद्भुत पोटली बनाई जाती है। पोटली के सामने एक पान का पत्ता रख लें !

पहले पत्ते पर ३ बार गंगा जल छिड़कें ! फिर थोड़ी रक्त-चन्दन अर्पित करें ! तत्पश्चात सबसे पहले एक चाँदी का सिक्का लें और उसे मौली से बांध लें ! फिर क्रमशः 2 सुपारी , 2 पीली हल्दी की गांठ , 2 काली हरिद्रा यानि हल्दी , 11 गोमती -चक्र , 7 पीली कौड़ी , 5 सफ़ेद कौड़ी, 5 नागकेशर 5 कमलगट्टे, 5 काली - कौड़ी तथा 21 अक्षत के दाने ( टूटी हुई वर्जित है ) को एक साथ रख लें ! फिर कमलगट्टे की माला से १ माला इस मंत्र का जाप करें :- ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥