
निर्जला एकादशी का महत्व साल भर के अन्य २३ एकादशियों से बढ़कर माना जाता है। ये बात स्वयं ऋषि वेदव्यास जी ने भीम को बताई थी। इसलिए इस एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। यह भी मान्यता है कि इस दिन कुछ विशेष व सरल उपाय करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और घर में सुख-समृद्धि की भी प्राप्ति होती है। तो चलिए जानते है इन उपायों के बारे में :

1. निर्जला एकादशी पर स्वयं निर्जला व्रत रखकर जल का भरा हुआ घड़ा दान करने से सुख, यश और समृद्धि की प्राप्ति होती है। इस दिन शीतलता प्रदान करने वाली चीजें जैसे शरबत आदि का भी दान करना चाहिए।
2. निर्जला एकादशी पर जरूरतमंद व्यक्ति को जूतों का दान करना चाहिए। इसके अलावा ब्राह्मणों को अन्नदान, बिस्तर, वस्त्र और छाता आदि का दान करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है।

3. निर्जला एकादशी पर तुलसी के पौधे के पास दीपक प्रज्वलित कर पूजा करनी चाहिए। मान्यता है की इससे घर में धन, यश तथा वैभव बना रहता है और भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।

4. ग्रंथों में भगवान विष्णु को पीताम्बरी भी कहते है, यानी पीला वस्त्र धारण करने वाले। इसलिए निर्जला एकादशी के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में पीला वस्त्र (धोती) अर्पित करें। ऐसा करने से भगवान प्रसन्न होते है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

5. मोर पंख भगवान विष्णु और श्रीकृष्ण के स्वरूप से जुड़ा हुआ है इसलिए निर्जला एकादशी पर भगवान विष्णु के मंदिर में मोर पंख या मोर मुकुट चढ़ाना चाहिए इससे भगवान विष्णु प्रसन्न होते है और उनकी कृपा प्राप्त होती है।

6. इस दिन भगवान् विष्णु के मंदिर में बांसुरी चढ़ानी चाहिए, बांसुरी भगवान् विष्णु के श्री कृष्ण अवतार से जुड़ा हुआ है अतः बांसुरी भगवान् विष्णु को बहुत प्रिय है। बांसुरी चढ़ाने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

7. शंख के कई प्रकार है और उनमे से एक है दक्षिणावर्ती शंख। शंख को माता लक्ष्मी का भाई भी कहा जाता है। निर्जला एकादशी के दिन भगवान् विष्णु के मंदिर में दक्षिणावर्ती शंख चढ़ाना चाहिए। ऐसा करने से धन लाभ का योग बनता है।
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