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इन पांच राशियों पर है शनिदेव की वक्र द्रिष्टि। अशुभ प्रभाव से बचने के लिए करें के आसान उपाय।



ज्येष्ठ अमावस्या पर शनि जयंती मनाई जाती है. इस बार ज्येष्ठ अमावस्या 10 जून 2021, गुरुवार को है। जिन लोगो को शनि की साढ़ेसाती, ढैया, महादशा, और अन्तर्दशा चल रही है उन्हें शनि जयंती के दिन शनिदेव की पूजा व अन्य उपाय करनी चाहिए और शनि से जुडी वस्तुओं का दान करना चाहिए। इससे कुछ परेशानियां कम हो सकती है।


इन राशियों पर शनि की नजर है :

इस समय शनि का गोचर स्वराशि मकर में चल रहा है। धनु राशि पर साढ़ेसाती का अंतिम ढय्या, मकर पर द्वितीय और कुम्भ राशि पर प्रथम ढय्या चल रहा है। इसलिए इन पांच राशि के जातकों को शनि की शांति के लिए विशेष प्रयास करने चाहिए।


अब चलिए जानते है शनिदेव को प्रसन्न करने के कुछ सरल उपाय।


१. धनु, मकर, कुंभ, मिथुन, और तुला राशि वालों को शनि जयंती पर शनिदेव को तिल के तेल से अभिषेक करें। इसके बाद शनि शांति मंत्रों से हवन करवाएं।


२. गरीबों, दिव्यांगों और अनाथों को भोजन करवाएं तथा शनि मंत्र “ॐ शं शनैस्चराये नमः” मंत्र का जाप करते हुए पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करें।


३. पीपल के पेड़ पर मीठा दूध अर्पित करें और उसके निचे बैठकर शनि स्तवराज का पाठ करें।

४. शनि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा या हनुमान बाहु अष्टक का पाठ करने से शनि की पीड़ा से मुक्ति मिलती है।


५. काले घोड़े के नाल से बानी अंगूठी शनि जयंती पर धारण करें। इस उपाय को करने से पहले किसी ज्योतिषी से सलाह ले।


६. शनि जयंती पर नीलम रत्न किसी ज्योतिषी से सलाह लेकर धारण करें।


७. अन्य राशि के जातक भी शनिदेव का पूजन, अभिषेक अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करें। शनि मंत्रों का जाप करके यथा शक्ति गरीबों को भोजन करवाएं तथा वस्त्र भेंट करें।